भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष श्राद्ध का प्रारंभ माना जाता है, जो आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलता है। यह कुल 16 दिनों का होता है। इस वर्ष पितृ पक्ष श्राद्ध 13 सितंबर दिन शुक्रवार से प्रारंभ होकर 28 सितंबर दिन सोमवार तक चलेगा।

ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र का कहना है कि पितृ पक्ष पितरों को याद करने का विशेष समय माना जाता है। ऐसे में इन 16 दिनों में पितरों का तर्पण और विशेष तिथि को श्राद्ध करना आवश्यक है। इन दिनों में पितरों के नाम से श्राद्ध, पिंडदान और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने तथा ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों की आत्माएं तृप्त होती हैं। इसके परिणाम स्वरूप कुल और वंश का विकास होता है। परिवार के सदस्यों को लगे रोग और कष्टों दूर होते हैं।

पितृ पक्ष श्राद्ध तिथियां 2019/Pitru Paksha Shraddh Dates 2019

1. पूर्णिमा श्राद्ध- 13 सितंबर

2. प्रतिपदा श्राद्ध-14 सितंबर

3. द्वितीय श्राद्ध- 15 सितंबर

4. तृतीया श्राद्ध-16 सितंबर

5. चतुर्थी श्राद्ध-18 सितंबर

6. पंचमी श्राद्ध- 19 सितंबर

7. षष्ठी श्राद्ध- 20 सितंबर

8. सप्तमी श्राद्ध- 21 सितंबर

9. अष्टमी श्राद्ध- 22 सितंबर

10. नवमी श्राद्ध (मातृनवमी)- 23 सितंबर

11. दशमी श्राद्ध- 23 सितंबर

12. एकादशी श्राद्ध- 24 सितंबर

13. द्वादशी श्राद्ध,संन्यासी, यति, वैष्णव जनों का श्राद्ध- 25 सितंबर

14. त्रयोदशी श्राद्ध, मघा श्राद्ध, गजच्छाया श्राद्ध (मघा एवं त्रयोदशी के योग में)- 26 सितंबर

15. चतुर्दशी श्राद्ध- 27 सितंबर

16. अमावस्या श्राद्ध, अज्ञाततिथिपितृ श्राद्ध, पितृविसर्जन महालय समाप्ति- 28 सितंबर