3 / 100

हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी चारों धाम सहित समस्त उत्तराखंड के गढ़वाल तथा कुमायूं मंडल के पौराणिक तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर मंगलवार को वापस श्यामपुर हरिद्वार पहुंच गयी,यहां रात्रि विश्राम के बाद बुधवार को मायादेवी मंदिर पहुँच कर विश्राम करेगी । इससे पहले सोमवार को पवित्र छड़ी पौराणिक तीर्थ बिनसर महादेव में पूजा अर्चना कर केदारखंड में वर्णित बूढा केदारेश्वर महादेव के लिए रवाना हुई बिनसर महादेव के श्री महंत गोवर्धन गिरी, पुजारी शेखर पांडे, भुवन चंद्र तिवारी, पृथ्वीपाल सिंह, हिमांशु पंत,नरेंद्र बिष्ट आदि ने बिनसर महादेव मंदिर के गर्भ गृह में पूजा करा कर पवित्र छड़ी को दूनागिरी मंदिर के दर्शनों के लिए प्रस्थान कराया। छड़ी के प्रमुख महंत श्री महंत प्रेम गिरी महाराज ,उपमहंत श्री महंत शिवदत्त गिरी,श्री महंत पुष्कराज गिरी, श्री महंत पशुपति गिरी ,श्री महंत विशंभर भारती ,महंत वशिष्ठ गिरि, महंत राजगिरी, महंत आदित्य गिरि ,महंत केशवगिरी, महंत रतन गिरी, साधु संतों की जमात के साथ पौराणिक तीर्थ दूनागिरी माता के मंदिर पहुंचे,यहां मंदिर समिति के पदाधिकारियों तथा तीर्थ पुरोहितों ने छड़ी का स्वागत किया और पूजा अर्चना कर माता के दर्शन कराएं । संतों ने मंदिर में प्रसाद ग्रहण कर वृद्ध केदारेश्वर मंदिर की ओर प्रस्थान किया। बूढ़ा केदार के नाम से प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ केदारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचने पर केदार मंदिर समिति के सरपंच आनंद सिंह मनराल, सचिव तारा दत्त शर्मा, राजेंद्र बिष्ट, जगत सिंह ,पूरन सिंह मेहता, टीकाराम जोशी, प्रधान अनूप सिंह, दीप रावत, हरि सिंह रावत व ग्रामीणों ने ढोल बाजे के साथ स्वागत किया । मंदिर पहुंचने पर पवित्र छड़ी को राम गंगा में स्नान कराया गया । केदारेश्वर मंदिर में तीर्थ पुरोहितों ने पवित्र छड़ी को शिवलिंग के दर्शन कराए व जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की । पौराणिक आख्यान के अनुसार भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव इस स्थान पर पृथ्वी में समा गए थे ,जिस पर भस्मासुर ने उन पर फंसे से प्रहार किया जिससे उनके पाश्र्व के ऊपर चोट पहुंची, यहां स्थित शिवलिंग पर यह निशान आज भी अस्पष्ट दिखाई देता है। केदारेश्वर महादेव से पवित्र छड़ी कुमायूं के न्याय के देवता भूमियथान  मासी पहुंची जहां ग्रामीणों ने पवित्र छड़ी तथा साधु-संतों के पर पुष्प वर्षा कर तथा माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया। नगारा निशान तथा ढोला-डमरू के साथ भव्य स्वागत किया। शोभायात्रा के साथ पवित्र छड़ी भूमिया देवता के मंदिर ले जाई गई भारी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने हर हर महादेव के नारे के साथ भूमिया देवता की पूजा की। समिति के अध्यक्ष श्री मासी लाल ने पवित्र छड़ी और साधु संतों का स्वागत करते हुए आग्रह किया कि अगले वर्ष पवित्र छड़ी का विश्राम भूमिया मंदिर में ही कराई जाए ताकि अधिक से अधिक स्थानीय ग्रामीण जनता के दर्शन कर सके। भूमिया थान से गर्जिया माता के दर्शनों के लिए रवाना पवित्र छड़ी का थ्रोंस खान पहुंचने पर स्थानीय विधायक डॉ प्रमोद नैनवाल के कार्यकर्ताओं ने 3 व साधु-संतों का पुष्प वर्षा कर भारी करतल ध्वनि से स्वागत किया और शोभा यात्रा के रूप में जुलूस निकाला रामनगर पहुंचने पर सामाजिक कार्यकर्ता तेज ढूंढ इलियाल ने अपने सक्रिय कार्यकर्ताओं व स्थानीय नागरिकों व्यापारियों के साथ पवित्र छड़ी का जोरदार स्वागत किया श्री के प्रमुख महंत श्री महंत प्रेम गिरी महाराज ने सभी को आशीर्वाद देते हुए का सनातन धर्म की रक्षा करने तथा भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा यह छड़ी यात्रा सनातन धर्म की रक्षा राष्ट्र के विकास उन्नति प्रगति तथा उत्तराखंड को दे का सर्वश्रेष्ठ प्रदेश बनाने के लिए प्रारंभ की गई है युवा पीढ़ी ही इस पवित्र उद्देश्य को पूरा करने के लिए संकल्प लेगी तभी भारत विश्व गुरु बन पाएगा। यहां से पवित्र छड़ी माता गरजिया देवी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंची, जहां तीर्थ पुरोहितों ने पूजा अर्चना कर माता के दर्शन कराएं। देवी के पूजन के पश्चात रामनगर स्थित तारकेश्वर महादेव मंदिर पहुंची, जहां पहुंचने पर  सनराइज रिसोर्ट के स्वामी प्रकाश चंद जोशी, मंदिर के गादीपति महंत जितेंद्र गिरी, तेजू गुंजियाल ,तहसीलदार ,नायब तहसीलदार, कानूनगो पटवारी व स्थानीय नागरिकों ने भव्य स्वागत किया ।पवित्र छड़ी यात्रा के सभी साधु संतों का श्री जोशी ने अपने रिजॉट में रात्रि विश्राम की व्यवस्था तथा जलपान का आयोजन किया । मंगलवार को पवित्र छड़ी पवित्र छड़ी को रिजॉर्ट स्वामी चंद्रपकाश  जोशी ने पूजा अर्चना कर श्यामपुर कांगड़ी हरिद्वार के लिए रवाना किया। मंगलवार को पवित्र छड़ी श्यामपुर कांगड़ी पहुंच गई ,यहां पर स्थानीय ग्रामीणों के साथ कई गणमान्य लोगों ने छड़ी की अगवानी करते हुए पूजा अर्चना कर पुष्प वर्षा की। पवित्र छड़ी मंगलवार श्यामपुर कांगड़ी में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार को आदि माया देवी मंदिर लाया जाएगा जहां छड़ी विश्राम करेगी।