शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): साथ राज्यकी प्रगति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास महत्वपूर्ण है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति की संभावनाओं को पूरा किया जा सके और विकास कालाभ जमीनी स्तर पर हर वर्ग तक पहुंच सके।

लाॅकडाउन का समय ऐसा कठिन समय रहा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों मेंकामगारों, अकुशल श्रमिकों और विशेष रूप से गरीबी की कगार पर रहनेवाले लोगों को गुजर बसर और अपनी आजीविका कमाने तथा दिन प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार के साधनों कीतलाश थी।

बेरोजगारों और कम रोजगार पा रहे लोगों के लिए काम के अवसरों कोबढ़ाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों की जरूरतों को पूराकरने के लिए एक बहुआयामी विकासात्मक रणनीति तैयार की गई जोविकास को बनाए रखने के  साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावादेगी।

कोरोन वायरस के दौरान मनरेगा योजना के तहत विकास और रोजगारसृजन कार्यक्रम सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में ग्रामीण क्षेत्रों के लिएसमावेशी विकास का एक मजबूत माॅडल बनकर उभरा है।

केंद्र और राज्य सरकार ने लाॅकडाउन की अवधि के दौरान श्रमिकों केआर्थिक हितों की रक्षा के लिए पहल की और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों मेंमनरेगा कार्यों को शुरू किया। परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों मेंविकासात्मक कार्य शुरू हुए और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे कोअकुशल श्रमिकों को लाभ मिला, जिससे कोविड-19 के प्रकोप के दौरानइस वर्ग के लोगों को निरन्तर आय के स्रोत मिल रहे हैं।

राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 185 प्रति दिन रुपये से बढ़ा198 रुपये प्रति दिन की है, जिससे मनरेगा के मजदूरों को लाभ मिला है।ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को पूरा करने के दौरान राज्य सरकार केआपसी सामाजिक सुरक्षा और मास्क पहनने के सुरक्षा दिशा-निर्देशों कापालन किया जा रहा है।

शिमला जिले में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से 1985 कार्य किएजा रहे हैं, जिसमें 10471 श्रमिकों को काम पर लगाया गया है। जिलाग्रामीण विकास अभिकरण के माध्यम से जिला में 20,73,253 रुपये कीराशि विकास कार्य पूर्ण होने के पर मनरेगा श्रमिकों के खाते में हस्तांतरितकी जाएगी।

जिले के बसंतपुर खण्ड में 116, चैहारा में 47, चैपाल में 253, जुब्बल में108, कुपवी में 43, मशोबरा में 193, ननखड़ी में 77, नारकंडा में 139,रामपुर बुशहर में 548, रोहडू में 73 और ठियोग खण्ड में 388 कार्यप्रगति पर हैं।

मनरेगा कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विकासात्मक योजनाओं केकार्यों को सम्मिलित किया गया है ताकि इन कार्यों में लगे व्यक्तियों कोनिरंतर कार्य प्रदान किया जा सके। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयनटैंक, भूमि समतलन, वृक्षारोपण और लघु सिंचाई परियोजनाएँ शामिल हैं।