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नई दिल्ली। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर पांच राज्यों के चुनाव से ही 2024 के संग्राम के लिए विपक्षी राजनीति की दिशा तय कर दी है। कांग्रेस कार्यसमिति ने सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में जातीय जनगणना कराने के साथ ओबीसी, एससी-एसटी को आबादी के हिसाब से भागीदारी देने के एजेंडे पर मुहर लगा दी।

कांग्रेस कराएगी देशव्यापी आर्थिक सर्वे

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यसमिति में सर्वसम्मति पारित इस प्रस्ताव को ऐतिहासिक करार देते हुए यह भी ऐलान किया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जातीय जनगणना नहीं करायी तो सत्ता में आने पर कांग्रेस जातीय जनगणना कराने के बाद देशव्यापी आर्थिक सर्वे भी कराएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर ओबीसी की भागीदारी के मुद्दे से ध्यान बंटाने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि वे देश की सामाजिक-आर्थिक हकीकत का एक्सरे कराने से डर रहे हैं और इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए वे तमाम तरीके अपनाएंगे।

पार्टी ने यह भी ऐलान किया कि सत्ता में आने पर महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने के लिए कदम उठाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में सोमवार को चार घंटे तक चली कार्यसमिति की बैठक में जातीय जनगणना का अहम फैसला लेते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।

इसमें कहा गया है कि जाति जनगणना देश भर में समुदायों की सही और सटीक सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सामने लाने के लिए बेहद आवश्यक है। इससे सामाजिक न्याय की नींव मजबूत होगी। जो आंकड़े निकलकर सामने आएंगे, वे समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए नीतियों के निर्माण में एक ठोस, डेटा-संचालित आधार प्रदान करेंगे।

जातिगत जनगणना कराने के लिए दबाव बनायेंगी कांग्रेस

राहुल गांधी ने कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस शासित चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत, सिद्धारमैया, भूपेश बघेल और सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि ओबीसी, दलित, आदिवासियों के संस्थानों और संपत्ति में कितनी हिस्सेदारी है इसका जवाब जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वे से ही मिल सकता है। कांग्रेस शासित राज्यों में हम जाति गणना कराएंगे और भाजपा सरकार पर राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना कराने के लिए दबाव बनाएंगे।

कार्यसमिति ने अपने प्रस्ताव में जातीय जनगणना के साथ यह भी गारंटी दी है कि कांग्रेस सत्ता में आयी तो जनसंख्या के अनुरूप हिस्सेदारी के लिए ओबीसी, एससी-एसटी की आरक्षण की वर्तमान 50 फीसद की सीमा को हटाएगी। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण को भी जल्द से जल्द लागू किया जाएगा और इसमें इन वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।

राहुल ने कहा कि जातीय जनगणना होकर रहेगी इसको कोई रोक नहीं सकता। पीएम मोदी और भाजपा पर ओबीसी को किनारे करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों में से तीन ओबीसी के हैं जबकि भाजपा के 10 में से केवल एक मध्यप्रदेश के सीएम ओबीसी वर्ग से हैं और चुनाव में उनका भी जाना तय है।

उन्होंने कहा कि आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी ओबीसी वर्ग की स्थिति का सामाजिक एक्सरे कराने से न केवल डर रहे बल्कि पीएम कभी परिसीमन, कभी दक्षिण भारत तो कभी धार्मिक बंटवारे की बात उठा इसे भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।

विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन में जाति जनगणना पर कांग्रेस के रूख का समर्थन से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि एक-दो पार्टियों की राय अलग हो सकती है और हम फासीवादी नहीं इसलिए इसमें कुछ गलत भी नहीं। लेकिन आइएनडीआइए की अधिकतर पार्टियां जातीय जनगणना के समर्थन में हैं।

जातीय जनगणना की कांग्रेस की मांग को चुनावी फायदे के लिए उठाने के भाजपा के आरोपों पर राहुल गांधी ने कहा कि यह मुद्दा हमारे लिए राजनीतिक का है ही नहीं और इसलिए हम इसमें चुनावी नफा-नुकसान नहीं देख रहे।

कार्यसमिति ने बिहार सरकार के जातिवार गणना रिपोर्ट जारी करने का स्वागत करते हुए कहा कि इस सर्वे में सामने आए आंकड़ों में प्रतिनिधित्व और जनसंख्या में हिस्सेदारी के बीच जो असमानता दिख रही है, वो सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को सामने लाती है।

कार्यसमिति ने 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़ों को जारी न करने के मोदी सरकार के कदम को ओबीसी समेत अन्य वंचित वर्गों के साथ इसे धोखा करार दिया।