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Article: भैरोंसिंह शेखावत भारत के ग्यारहवें उपराष्ट्रपति थे। उनका कार्यकाल 19 अगस्त, 2002 से 21 जुलाई, 2007 तक रहा। वे 22 जून 1977 से 15 फ़रवरी 1980 तक, 4 मार्च 1990 से 31 दिसम्बर 1998 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रहें। वे जनसंघ के संस्थापक काल से जुड़े और ‘जनता पार्टी’ फिर ‘भाजपा’ की स्थापना में उनकी सक्रिय भूमिका रही। उनकी लोकप्रियता इतनी थी की उन्होंने राजस्थान के दस अलग-अलग स्थानों से विधान सभा चुनाव लड़े और उनमें से आठ में विजयी रहे। आजीवन राष्ट्रहित में काम करने वाले जननेता शेखावत जी ग़रीबों के सच्चे सहायक थे। देश के अत्यंत ग़रीब लोगों के लिए चलने वाली “अंत्योदय अन्न योजना” का श्रेय उन्हीं को जाता है, इसके अलावा उन्होंने काम के बदले अनाज योजना, भामाशाह योजना और ‘प्रौढ़ शिक्षा’ कार्यक्रम जैसी योजनाएँ क्रियांवित की थीं।

आपात काल के समय भैरोंसिंह शेखावत ने 19 माह तक जेल की सज़ा भी भोगी। उनको कई विश्वविद्यालयों, आंध्रा, महात्मागांधी काशी विद्यापीठ और मोहनलाल सुखाडि़या उदयपुर ने डीलिट की उपाधि प्रदान की, साथ ही एशियाटिक सोसायटी, मुंबई ने उन्हें फैलोशिप से सम्मानित किया। येरेवन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी अर्मेनिया ने उन्हें गोल्ड मेडल और मेडिसिन डिग्री की डॉक्टरेट उपाधि प्रदान की। उनका निधन 15 मई 2010 को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हो गया। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।