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ऋषिकेश:  आज विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज(Pujya Swami Chidanand Saraswati Ji Maharaj) ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी के संकट से जूझ रही है, ऐसे में आज का दिन हम सभी के लिये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हाथों की सुरक्षा अर्थात जीवन की सुरक्षा। स्वच्छ और सुरक्षित जीवन के लिये पानी और साबुन के साथ 40 से 60 सेंकेड तक हाथ धोना बहुत जरूरी है।

क्लीन योर हैंड्स ग्लोबल अभियान, 2009 में शुरू किया गया था और तब से 5 मई को (विश्व हाथ स्वच्छता दिवस) प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा के लिए हाथों की स्वच्छता नितांत आवश्यक है।पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज(Pujya Swami Chidanand Saraswati Ji Maharaj) ने संदेश दिया कि अपने हाथों को साफ करें और जीवन को सुरक्षित रखें। ‘हाथ धोना’ आदत में लाने के लिये व्यवहार परिवर्तन जरूरी है। कोरोना के संकट में हाथों की स्वच्छता को व्यक्तिगत से वैश्विक स्तर पर प्राथमिकता देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हाथों की स्वच्छता कोई नई अवधारणा नहीं है, लेकिन वर्तमान में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। कोरोना वायरस एवं कई अन्य संचारी रोग के प्रसार को रोकने के लिए साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोना सबसे बेहतर तरीका है।

स्वामी जी(Pujya Swami Chidanand Saraswati Ji Maharaj) ने कहा कि भारतीय संस्कृति में स्वच्छता का बड़ा महत्व है, स्वच्छता सिर्फ जैविक आवश्यकता नहीं बल्कि जीवनशैली है; स्वच्छता एक व्यवहार है और जीवन का एक अहम हिस्सा भी है। किसी भी राष्ट्र के निर्माण हेतु स्वस्थ नागरिकों की जरूरत होती है इसलिये स्वच्छता राष्ट्र निर्माण की आधारशिला और अनिवार्यता है। शास्त्रों में स्वच्छता की तुलना ईश्वर भक्ति से की गई है, स्वच्छता, स्वास्थ्य महायज्ञ है बिना स्वच्छता के उत्तम स्वास्थ्य और इस समय तो जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। घर, समाज, देश और विश्व स्तर पर स्वच्छता को जीवनशैली का अंग बनाने के साथ सार्वभौमिक स्तर पर साफ-सफाई को जीवन का अंग बनाना बहुत जरूरी है। स्वच्छता के लिये जागरूकता और सहभागिता बहुत जरूरी है आईये हम सब मिलकर ‘स्वच्छता संस्कृति’ को आगे बढ़ाने में योगदान प्रदान करें।