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हरिद्वार। धर्मनगरी में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस पार्टी से दशकों पुराने कार्यालय का भवन खाली करा लिया गया। इस दौरान कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस का कहना था कि कोर्ट के आदेश पर भवन खाली कराया गया है। इस पर कांग्रेसियों ने मामला हाई कोर्ट लंबित होने का हवाला देते हुए जबरन कार्यालय खाली करने का आरोप लगाया।

पुलिस से हुई झड़प

मंगलवार दोपहर कोर्ट से अमीन की अगुवाई में एक टीम कांग्रेस कार्यालय पहुंची। पुलिस की मदद से आनन-फानन में कार्यालय को खाली करवा लिया गया। कार्यालय खाली होने की जानकारी मिलने पर कांग्रेसी एकत्र होना शुरू हो गए। महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, कार्यकारी जिलाध्यक्ष अमन गर्ग की अगुवाई कांग्रेसियों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है और गलत तरीके से कार्यालय को खाली कराया गया है। इस दौरान कांग्रेसियों की भवन स्वामी से भी नोकझोंक हुई।

वीडियो मौजूद होने का किया दावा

हंगामे के बाद कांग्रेसी शहर कोतवाली पहुंच गए। महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि अमित कौशिक ने अपने साथियों के साथ मिलकर कार्यालय का ताला तोड़कर गैस सिलिंडर, मेज कुर्सी और चंदे की 1250 रुपये की रकम लूट ली। दावा किया कि पूरे घटनाक्रम की वीडियो भी उनके पास मौजूद है।

कार्यालय खाली कराने पर छिड़ी बहस

शहर कोतवाली प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर भवन खाली कराया गया है। कोर्ट के आदेश के चलते ही सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस टीम कोर्ट अमीन के साथ गई थी। राजनीतिक हल्कों में रही हलचल शहर कांग्रेस कमेटी का कार्यालय खाली कराने का मामला राजनीतिक हल्कों में चर्चा बना रहा। इंटरनेट मीडिया पर भी इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं ने अपनी राय रखी।

138 साल पुरानी कांग्रेस के पास नहीं है कार्यालय

अन्य दलों के नेताओं ने सवाल उठाया कि 138 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी पर अब शहर में कोई कार्यालय ही नहीं बचा है। राज्य में दो बार सत्ता की कुर्सी पर काबिज रही कांग्रेस हरिद्वार में अपना एक कार्यालय तक वजूद में नहीं ला सकी। कांग्रेस पार्टी से जुड़े कार्यक्रम भी इसी एकमात्र कार्यालय में होते थे, अब उन पर भी संकट आ खड़ा हुआ है। जबकि उत्तर प्रदेश के जमाने में हरिद्वार पर राज करने वाली समाजवादी पार्टी के शहर में दो-दो कार्यालय हैं।

लोगों ने पूछे ये सवाल

लोगों ने यह सवाल भी पूछा कि 28 दिसंबर को अब पार्टी स्थापना दिवस कौन से कार्यालय में मनाएगी। कई कांग्रेस नेताओं ने पूर्ववर्ती नेताओं, कांग्रेस विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को भी आड़े हाथ लिया कि पार्टी के लिए एक अदद कार्यालय का इंतजाम तक नहीं कर पाए।