उत्तराखंड में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन बारहमासी मार्ग को आवाजाही के लिए सुचारु करने में पूरे प्रशासनिक अमले के पसीने छूट गए हैं। धौन के पास दोनों तरफ से जेसीबी, पोकलैंड और लोडर होने के बावजूद पहाड़ी की तरफ से बोल्डर और मलबा गिरने से रोड का काम निरंतर नहीं चल पा रहा है।

मैदानी क्षेत्र टनकपुर का चंपावत और पिथौरागढ़ से सीधा सड़क संपर्क नहीं हो पा रहा है। मैदानी क्षेत्र को जाने वाले लोग अब सूखीढांग-डांडा-मीडार या देवीधुरा होते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

5 अगस्त की रात 10.28 बजे से पहाड़ की इस लाइफ लाइन के बंद हो गई थी। एनएच पर वाहनों का संचालन बंद होने से पेट्रोल पंपों पर भी मार पड़ी है। देवीधुरा से रसोई गैस सिलिंडर की आपूर्ति होने से गैस किल्लत नहीं है।

सब्जियों की कीमत में 25 प्रतिशत का इजाफा

बृहस्पविर को चंपावत के एसडीएम अनिल गर्ब्याल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडेय, राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता एलडी मथैला, सहायक अभियंता वीके सक्सेना, कनिष्ठ अभियंता बीसी जोशी, नीरज श्रीवास्तव, शिवालय कंपनी के निदेशक सुरेंद्र राणा के अलावा त्वरित कार्यवाही दल (क्यूआरटी) के शंकर वर्मा, राजस्व उपनिरीक्षक छत्तर सिंह आदि लगातार मौके पर डटे रहे।

टीम का कहना है कि रोड खोलने के प्रयास लगातार जारी है। मलबा गिरने के बावजूद ऑपरेटर बहादुरी से रोड खोलने का प्रयास कर रहे हैं।  वहीं मैदान से आने वाली भिंडी, बैंगन, करेला, कद्दू, तोरई की कीमतों में 15 से 25 प्रतिशत का इजाफा हो गया है। सब्जी विक्रेता भगवत कलखुड़िया, किशोर कलखुड़़िया आदि का कहना है कि पीलीभीत के बजाय हल्द्वानी मंडी से सामान आने से मालभाड़े में इजाफा हुआ है जिस कारण कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।

डीएम ने तीन घंटे तक मौके पर रहकर बढ़ाया मनोबल

डीएम सुरेंद्र नारायण पांडेय ने बृहस्पतिवार को तीन घंटे से अधिक तक धौन में बंद रोड पर मौजूद रहकर रोड खोलने में लगे ऑपरेटर और अन्य कर्मियों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने बताया कि पहाड़ी से अब भी पत्थर और मलबा गिरना बंद नहीं होने से काम में अड़चन आने के साथ सड़क खोलने वालों के लिए भी खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद जल्द से जल्द रोड खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
डीजल-पेट्रोल की खपत में भारी कमी 
पेट्रोल पंप संचालक नवीन भट्ट का कहना है कि पहाड़ के पेट्रोल पंपों में डीजल और पेट्रोल की बिक्री में भारी गिरावट आई है। रोजाना आठ हजार लीटर डीजल और तीन हजार लीटर पेट्रोल की बिक्री कम हुई है।

बनलेख में फंसे ट्रकों से कई लाख का नुकसान 
चंपावत से दस किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनलेख के पास 40 से अधिक ट्रक और कैंटर फंसे हैं। इन वाहनों के चार दिन से फंसे होने से रेता, बजरी, भवन निर्माण सामग्री सहित कई जरूरी सामग्री नहीं आ पा रही है। वाहन संचालकों का कहना है कि चार दिन में उन्हें पांच लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

देवीधुरा होते हुए भेजीं रोडवेज की चार बसें

एनएच बंद होने से परिवहन निगम की बस सेवा बुरी तरह बाधित हुई है। बृहस्पतिवार को निगम ने देवीधुरा होते हुए दो बस देहरादून और दो बसें दिल्ली को भेजीं। इसके अलावा 9 बसों के स्टेशन में खड़े होने से रोडवेज को 60 हजार रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। वरिष्ठ स्टेशन प्रभारी भुवन चंद्र आर्या का कहना है कि हल्द्वानी, नैनीताल, गुड़गांव और बरेली रूट की सेवाएं प्रभावित रहीं।