लंदन: एक ओर कोरोना महामारी से पूरी दुनिया में खौफ का माहौल है, वहीं लंदन से एक चुनौतीभरी खबर आई है। दरअसल ब्रिटेन में एक ह्यूमन ट्रायल चैलेंज होने जा रहा है। लंदन के रॉयल फ्री अस्पताल में ये चैलेंज किया जाएगा। इसमें 2,500 ब्रिटिश नागरिक जानबूझकर कोरोना पॉजिटिव होंगे। इसके बाद इन्हें वैक्सीन दी जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वैक्सीन परीक्षण के नतीजों को मॉनिटर किया जा सके। बता दें कि इससे पहले टायफाइड, मलेरिया और फ्लू जैसी बीमारियों के लिए इस तरह के ट्रायल किए जा चुके हैं। कोरोना वैक्सीन को तेजी से काम में लाने के लिए ये ट्रायल किए जा रहे हैं। चैलेंज में भाग लेने वालों की उम्र 18 से 30 साल होगी। इस उम्र के लोगों में कोरोना से मरने का खतरा कम है।
इस चैलेंज में हिस्सा लेने के लिए और खुद को जानबूझकर कोरोना पॉजिटिव कराने में इन लोगों को करीब चार हजार पाउंड्स यानी करीब चार लाख रुपये मिलेंगे। इस चैलेंज में 18 साल के एलिस्टर फ्रेजर भी होंगे, उन्होंने एक मीडिया हाउस को बताया कि उन्हें कम से कम दो हफ्तों के लिए क्लीनिक में लॉक रखा जाएगा और उनके शरीर को मॉनिटर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर ये ट्रायल सफल हुआ तो लाखों लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। उनके अलावा 29 साल की जेनिफर राइट भी इस ट्रायल का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा, जब मुझे लोगों को सुरक्षित करने का मौका मिला तो मैं इसे गंवाना नहीं चाहती थी। इस वायरस का तोड़ निकालने वाली वैक्सीन का हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि इस तरह के ट्रायल्स 18वीं शताब्दी में वैज्ञानिक एडवर्ड जेनर ने किए थे। उन्होंने अपने बगीचे में काम करने वाले बेटे को वायरस से संक्रमित कर दिया था ताकि वो ये देख सकें कि उनकी वैक्सीन उस वायरस पर प्रभावशाली है या नहीं। इसके बाद से इस तरह के प्रयोग को अपनाया जाने लगा।