देहरादून । प्रदेश सरकार ने शिक्षा, खेल एवं पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय व अन्य पर वर्ष 2015 में नायाब तहसीलदार से मारपीट के आरोप में दर्ज मुकदमा समेत चार मुकदमे वापस लेने के लिए अपनी संस्तुति दे दी है। ये सभी मुकदमे वर्ष 2012 के बाद दर्ज किए गए थे।

हालांकि, इसी वर्ष मार्च में कुंडेश्वरी थाने में दर्ज मुकदमे समेत पुराने अन्य मुकदमों पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। शासन द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय पर विभिन्न थानों में तकरीबन एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। चुनावों के दौरान दाखिल हलफनामों में भी वह इन मुकदमों का जिक्र कर चुके हैं।

हालांकि, गदरपुर विधायक व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय इन मुकदमों को हमेशा ही राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद सरकार ने यह स्पष्ट भी किया था कि राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर भाजपा मंत्री, विधायकों व कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

इसी कड़ी में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय के मुकदमों से संबंधित कई फाइलें शासन में चली। इनमें से शासन ने अब चार मुकदमे वापस लेने पर मुहर लगा दी है। इनमें सबसे अहम गदरपुर में नायाब तहसीलदार के साथ मारपीट के आरोप में दर्ज मुकदमा शामिल है।

आरोप था कि दिनेशपुर में नायाब तहसीलदार का वाहन रोक गदरपुर विधायक और उनके समर्थकों ने मारपीट की। इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। उस समय भी भाजपा विधायक ने खुद को निर्दोष करार दिया था। इस घटना के 13 दिन बाद उन्होंने खुद को पुलिस के हवाले किया था। अब शासन ने उनपर दर्ज इस मुकदमे के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व शांति भंग आदि की धाराओं में दर्ज तीन अन्य और मुकदमे वापस लेने की संस्तुति की है।